राज्य के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि स्कूल अवधि (सुबह नौ से शाम चार बजे तक) में कोचिंग संस्थान न चले, यह सुनिश्चित कराएं। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने इस बाबत सभी जिलाधिकारियों को सोमवार को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा है कि स्कूल अवधि में कोचिंग चल रहे हैं, जिससे स्कूलों में नौवीं से 12वीं तक के बच्चों की उपस्थिति कम रहती है। यह भी निर्देश दिया गया है कि एक से 7 अगस्त तक अभियान चलाकर सभी कोचिंग संस्थानों की सूची बना लें। आठ से 16 तक कोचिंग संचालकों की बैठक स्वयं अपने स्तर पर बुलाएं और उन्हें निर्देश दें कि स्कूल अवधि में कोचिंग न चलाएं। स्कूल अवधि के पहले या बाद में कोचिंग कक्षाएं चलाने को वह स्वतंत्र होंगे। 17 से 31 तक आप अधीनस्थ दंडाकारियों से कोचिंग का सघन निरीक्षण कराएं। यदि सुबह नौ से संध्या चार बजे तक कोचिंग चलता मिले तो चेतावनी निर्गत करें। 31 अगस्त के बाद यदि कोई कोचिंग संस्थान उक्त बातों को नहीं मानते हैं तो नियमानुसार आगे की कार्रवाई करने के लिए विभाग शीघ्र दिशा-निर्देश जारी करेगा। कोचिंग यह भी ध्यान रखेंगे कि वह ऐसे किसी व्यक्ति को ना रखें जो किसी अन्य सरकारी या गैर सरकारी विद्यालय में अध्यापक या कर्मी हैं।

सरकारी शिक्षक पढ़ा रहे हैं कोचिंग में

श्री पाठक ने कहा है कि ऐसी जानकारी मिली है कि कोचिंग संस्थानों में सरकारी शिक्षक भी विद्यालय के समय के दौरान पढ़ाते हैं। यह भी सूचना है कि कुछ कोचिंग संस्थानों के संचालन में भी हमारे सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों की भी प्रत्यक्ष व परोक्ष भूमिका है। बिहार कोचिंग इंस्टीट्यूट एक्ट 2020 पहले से बना हुआ है, परंतु इस अधिनियम के तहत कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया है विभाग जल्द ही इसको लेकर एक नियमावली बनाएगा। इसके अंतर्गत कोचिंग संस्थानों को दंडित करने और उनका निबंधन रद्द करने को जिलाधिकारी अधिकृत किए जाएंगे।

निर्देश के महत्वपूर्ण तथ्य

07 अगस्त तक कोचिंग संस्थानों की सूची बनाने का निर्देश

• 08 से 16 तक कोचिंग संचालकों के साथ बैठक करने को कहा

• 17 से 31 तक कोचिंग संस्थानों की सघन चेकिंग कराई

• 31 के बाद ऐसा करने वाले कोचिंग संस्थानों पर होगी कार्रवाई

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement